लखनऊ में 35 वर्षीय हसनगंज निवासी शेर खान की रहस्यमय हत्या और लापता होने की जांच में एक बड़ा लोन धोखाधड़ी रैकेट सामने आया है। इस मामले में सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि शेर खान की हत्या का कारण उसकी ओर से रैकेट की सूचना देने की धमकी थी।
14 सितंबर से शेर खान गायब थे, और उनके भाई एजाज खान ने 16 सितंबर को हसनगंज पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दी। 26 सितंबर को एजाज ने लोहे की प्लेट और मतदाता पहचान पत्र से उनकी mutilated लाश को जंगल में पाया। बाद में गुमशुदगी की रिपोर्ट को हत्या का मामला बनाया गया।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (केंद्रीय) मनीषा सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में रवि वाल्मीकि (५० वर्ष), कपिल वाल्मीकि (३३ वर्ष), मनीष गौड़ (३५ वर्ष), ब्रजेश शर्मा (४३ वर्ष), विक्की रस्तोगी (४४ वर्ष) और दो भाई अमित सोनी (५० वर्ष) और सोहित सोनी (३५ वर्ष)। मृतक शेर खान सहित सभी आरोपी एक ही रैकेट से जुड़े थे, जो दूसरों के नाम पर लोन और पैसे लेने में शामिल था।
मनीषा सिंह ने बताया कि शेर खान लोन स्वीकृत कराने के लिए आरोपियों को आधार कार्ड देते थे। आरोपियों ने स्वीकार किया कि शेर खान ने उनकी हत्या की क्योंकि वह उन्हें अधिक कमीशन देने की धमकी दे रहा था।
14 सितंबर को पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने शेर खान को एक पार्टी में नशे में धुत करने के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी।
मृत शरीर को फिर कुकरेल जंगल में फेंक दिया। पुलिस मामले की अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रही है।
इस मामले ने लखनऊ में पहचान की चोरी करके लोगों को धोखा देने वाले ऐसे रैकेटों की गम्भीरता को उजागर किया है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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