लखनऊ में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) ने पिछले छह महीनों में दो लाख चालान जारी किए हैं, जिससे ₹25 करोड़ का जुर्माना वसूला गया है। यह आंकड़ा दिखाता है कि कैसे सीसीटीवी निगरानी ने अपराधों को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
स्मार्ट सिटी परियोजना में 1,500 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं, जिसमें लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की बसें भी शामिल हैं। इन कैमरों ने पुलिस को चोरी, हत्या, बलात्कार और अन्य गंभीर अपराधों से संबंधित 428 मामले हल करने में मदद की है।
आपराधिक कार्यों की पहचान और उन पर कार्रवाई
ITMS के तहत स्थापित कैमरे चालान बनाने के लिए भी वाहन नंबर प्लेटों को कैप्चर कर सकते हैं। परियोजना प्रबंधक अनकित शर्मा ने कहा, “हमारे कैमरे आम जनता की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।” छेड़खानी, सार्वजनिक धूम्रपान और अन्य संदिग्ध कार्यों पर 350 से अधिक वास्तविक अलर्ट जारी किए गए हैं।”
सार्वजनिक सहयोग की जरूरत
लखनऊ पुलिस के प्रवक्ता डॉ. रवीना त्यागी ने कहा कि “कैमरे कई मामलों में महत्वपूर्ण सबूत प्रदान कर रहे हैं। हम लोगों से अपील करते हैं कि उनके निजी कैमरों का एंगल अधिक क्षेत्र को कवर करे।”
आधिकारिक लॉन्च का इंतजार कर रहे हैं
“ITMS और सुरक्षित शहर दोनों परियोजनाएं पूरी तरह से चालू हैं, लेकिन सुरक्षित शहर परियोजना का आधिकारिक उद्घाटन अभी बाकी है,” नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा।पुलिस ने स्मार्ट सिटी कैमरों का उपयोग करते हुए कई मामलों को हल किया है, लेकिन इसके उद्घाटन की तारीख अभी नहीं तय की गई है।
लखनऊ में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की सफलता ने शहरवासियों की सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया है और नवीन तकनीक का अपराध नियंत्रण में क्या लाभ हो सकता है।
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