2023 में चांदी की कीमतें 24 प्रतिशत बढ़ी हैं। सोने और चांदी की बढ़ती मांग, औद्योगिक उपयोग और ब्याज दरों में गिरावट ने इस “सफेद धातु” की कीमतों को बढ़ा दिया है।
यह प्रश्न उठता है कि सोने और चांदी की कीमतों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है: क्या चांदी की कीमत जल्द ही ₹1,00,000 पार कर जाएगी?
विश्लेषकों का मानना है कि कई कारक चांदी की कीमतों को इस दिशा में बढ़ा रहे हैं।
चांदी की कीमत में वृद्धि के मुख्य कारक
- ब्याज दरों में कमी
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने हाल में 50 बेसिस प्वाइंट की अप्रत्याशित कटौती की है, जिससे चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में $31 प्रति औंस से ऊपर चली गई हैं। ये कटौतियाँ घरेलू चांदी की कीमतों पर भी प्रभाव डालेंगे। - इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और हरित ऊर्जा की बढ़ती मांग से 15 से 30 ग्राम चांदी की आवश्यकता होती है। साथ ही, सौर पैनल और पवन टरबाइन जैसी ग्रीन ऊर्जा तकनीकों के विकास से औद्योगिक चांदी की मांग भी बढ़ी है।
- ज्वेलरी की मांग: 2023 में ज्वेलरी और चांदी के बर्तनों की मांग 20 से 30 प्रतिशत अधिक रही। 2024 तक 5–10% की वृद्धि की उम्मीद है
- उत्पादन में गिरावट: 2024 तक विश्वव्यापी खनन उत्पादन में 0.8% की गिरावट हो सकती है। यह आपूर्ति में कमी को बढ़ा रहा है, जिससे कीमतें कम होंगी।
- सोने-चांदी का अनुपात: वर्तमान में सोने का अनुपात 84 है। यह अनुपात घट सकता है जैसे-जैसे ब्याज दरें गिरती हैं, जिससे चांदी की कीमतें सोने की तुलना में तेजी से बढ़ सकती हैं।
- तकनीकी संकेत: चांदी की कीमतें पच्चीस दिन की चलती औसत से अधिक कारोबार कर रही हैं, जो सकारात्मक रुख का संकेत है। यह विस्तार का संकेत देता है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2024 के अंत तक MCX पर चांदी ₹1,00,000 तक पहुंच सकती है, जो निवेशकों को एक बड़ा अवसर देगा।
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